बच्चे, नौजवान, व्यस्क, प्रौढ़ नर हों या नारी सभी को चाहत रहती है कि बाल काले, घने और चमकीले हों और ऐसा होना स्वाभाविक भी है। सुन्दर हेयर स्टाईल से ही तो चेहरे की रौनक बढ़ती है और व्यक्तित्व में निखार आता है।
छोटी उम्र में ही जब बाल टूटने और झड़ने शुरु हो जायें तो सही उपचार से बालों का टूटना, झड़ना रोक चेहरे की रौनक को बरकरार रखा जा सकता है।
बाल झड़ने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे-तनाव, पूर्ण-दिनचर्या, असंतुलित आहार, किसी बिमारी के चलते दवाईयों का प्रभाव, वंशानुगत या फिर अधिक गुस्सा करना भी बाल झड़ने का कारण हो सकता है।
नियमित योगाभ्यास व संतुलित आहार, गाजर, ऑवला, सेब, मौसमी इत्यादि के सेवन से काफी हद तक बालों का झड़ना रोका जा सकता है।
अधोमुख श्वानासन बालों को झड़ने से रोकने में सहायक है। आईए, जानते है इसे ठीक ढंग से करने की विधि, सावधानियाँ व अधिक लाभों के बारे में।
विधि:
•साफ, समतल ज़मीन पर आसन बिछा वज्रासन में बैठें।
•श्वास भरते हुए घुटनों के बल सीधे खड़े हो जायें और घुटनों व पैरों को थोड़ा खोल लें।
•श्वास छोड़ते हुये कमर से आगे की तरफ झुकें व हाथों का ज़मीन पर इस तरह से टिकायें कि शरीर का सारा भार घुटनों व हाथों पर आ जायें।
•अंगुलियों को खोल हथेली व अंगुलियों को ज़मीन पर अच्छी तरह से जमा लें।
•पैरों के पंजों को अन्दर की तरफ करें।
•श्वास छोड़ते हुए घुटनों को ज़मीन से ऊपर उठाते हुए शरीर को मध्य से ऊपर आकाश की तरफ लायें।
•मेरुदण्ड के अन्तिम छोर को थोड़ा और ऊपर की तरफ करने का प्रयास करें।
•एड़ियों को पीछे नीचे की तरफ करते हुए ज़मीन पर टिका दें।
•श्वास सामान्य रखते हुए तीस सैकेण्ड तक रुकें व श्वास भरते हुए वापिस आ जायें।
•यथा शक्ति क्षमतानुसार 5-6 बार दोहरायें।
लाभ:
•फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है।
•मेरुदण्ड लचीला होता है व नाड़ी संस्थान ठीक से काम करता है।
•तनाव व अवसाद दूर होता है।
•मस्तिष्क में रक्त की पूर्ति होती है।
•थायराइड ग्रन्थी को सक्रिय करता है।
•बाज़ुओं, टांगो, पैरो समेत पूरे शरीर को ताकतवर बनाता है।
सावधानियाँ :
आँखों के रोगी, कन्धों से चोटिल व्यक्ति, उच्चरक्तचाप से ग्रसित लोग ये आसन न करें।
विशेष:
किसी भी आसन को करने से पूर्व अपने डाक्टर से परामर्श करने के बाद योग्य योग-शिक्षक की देखरेख में ही अभ्यास करें।