भारत में 136 करोड़ की आबादी में से 5 करोड़ लोग दिल की बीमारी से पीड़ित हैं। इस लिहाज से भारत में हृदय रोगियों की संख्या दुनिया में सर्वाधिक है।
पिछले कई वर्षों में भारत में युवा हृदय रोगी बढ़े हैं और इसका सबसे बड़ा कारण है खराब जीवनशैली और अत्याधिक तनाव, जिसके कारण 25 से 35 साल की उम्र के लोग भी दिल की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।
योग के महत्वो और फायदों को जानते हुए आज पूरी दुनिया योग को अपना रही है। योग आपको मजबूत बनाता है, इससे शरीर लचीला बनता है। साथ ही साथ यह आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी सुधारता है।
आपने हमेशा देखा होगा को योग से कई बीमारियां दूर होती है। इससे सौंदर्य निखरता है। लेकिन क्या आप जानते है इससे आप अपने दिल की सेहत को भी अच्छा रख सकते है। योग का नियमित अभ्यास आपको ह्रदय के खतरे से दूर रखता है।
अमेरिकी शोधकर्ताओं द्वारा किये गए एक शोध में यह भी पाया गया है कि हृदय रोग के खतरे को कम करने में योग भी उतना ही फायदेमंद है जितना की शारीरिक गतिविधियां जैसे तेज टहलना आदि।
किस तरह करें बचाव
हमें अपने खानपान में शक्कर और नमक की खुराक को नियंत्रित करना चाहिए क्योंकि शक्कर और नमक दोनों का ही अधिक मात्रा में सेवन आपके हृदय के लिए घातक है।
जंक फूड और फास्ट फूड से दूरी बनाने की कोशिश करें क्योंकि इनके सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है जो कि हृदय के लिए हानिकारक है। और साथ में धूम्रपान, पान- मसाला एवं शराब के सेवन से परहेज करना चाहिए क्योंकि इन सभी में मौजूद केमिकल्स दिल और रक्त धमनियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इनके कारण धमनियों में प्लाक जमा हो जाता है जिससे धमनियों में संकुचन का खतरा बढ़ जाता है जिस कारण हमें दिल का दौरा भी पड़ सकता है।
दिल को फायदा पहुंचाने वाली डाइट लें, जिसमें फल, हरी सब्जियां, फाइबरयुक्त अनाज, बीन्स, दालें, नट्स और बीज शामिल हों। इसके साथ ही हमें कम फैट वाले डेयरी उत्पाद का ही सेवन करना चाहिए।
दिल की सेहत को दुरुस्त रखने के लिए रोजाना योग जरूर करें। इससे आपको अपना वजन नियंत्रित करने के साथ ही कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर कम करने में भी मदद मिलेगी। इन तीनों चीजों का नियंत्रित होना दिल की सेहत के लिए बेहद जरूरी है।
दिल की बीमारियों को हमेशा के लिए दूर रखें योग के इन 12 योगासनों एवं 4 प्राणायामों से
12 योगासनों के नाम निम्नलिखित हैं
1. त्रिकोणासन
2. पाश्वोत्तानासन
3. उत्तानासन
4. पश्चिमोत्तानासन
5. जानु शीर्षासन
6. सेतुबंधासन
7. सर्वांगासन
8. हलासन
9. शीर्षासन
10.अधोमुख श्वानासन
11. धनुरासन
12. चक्रासन
4 प्राणायामों के नाम निम्नलिखित हैं
1. अनुलोम विलोम प्राणायाम
2. भस्त्रिका प्राणायाम
3. उद्गीथ प्राणायाम
4. भ्रामरी प्राणायाम